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बहुभाषी बच्चों का पालन-पोषण करना

मेरा एक बच्चा है, श्लोक, और मेरा और मेरी पत्नी का मंशा है कि हम और बच्चे पैदा करें.

मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है कि मेरे सब बच्चे हिंदी सीखें. मैं चाहता हूं कि वे अपनी माता और अपने परिवार से हिंदी में बात करने के सक्षम हों. मैं चाहता हूं कि वे अपनी माता और उसकी संस्कृति को बेहतर ढंग से समझ सकें. मैं नहीं चाहता कि उन्हें बड़े होकर कुछ अफ़सोस होगा. कई लोग बहुत समय दूसरी भाषा सिखने में बिताते हैं; ऐसे लोग चाहते होंगे कि उन्हें ऐसा अवसर मिला होता. मेरे बच्चों को यह अवसर है, जो मैं नहीं चाहता कि गंवाया जाए. बहुभाषी होने का बहुत लाभ होता है. आखिर कौन अज्ञानता को ज्ञान से अच्छी समझेगा?

लेकिन लगता है कि यह लक्ष्य हासिल करना काफी कठिन साबित हो सकता है, क्यूंकि मैं ऐसे बहुत लोगों को जानता हूं जो एक से अधिक भाषाएं बोलते हों, जिनके बच्चे हों, और अपने देश से बाहर रहते हों, और उनका बयान है कि उनके अनुभव में उनके बच्चे स्थानीय भाषा में बात करना अधिक पसंद करते हैं. मैं बहुत अमेरिका में रहने वाले भारतीय लोगों को जानता हूं, जिनके बच्चे यहीं पैदा हुए, और उनके बच्चे सामान्य तौर पर सिर्फ अंग्रेजी बोलते हैं. लेकिन, ऐसे बच्चों में से कोई हिंदी बोलते हैं (या दूसरे भारतीय भाषाएं). तो अंतर क्या है?

इस विषय पर बहुत लेख और किताबें लिखी गई हैं, लेकिन अनुभव सिद्धांत से ज़यादा उपयोगी होता है. क्या आपको ऐसी परिस्थितियों में बच्चे पालने का अनुभव है? अगर आप कुछ सलाह दे सकते हैं, तो दीजिए.

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आखिर हिन्दी में दिलचस्पी की कमी क्यों

जैसे मैंने पहले भी कहा है, हालांकि हिन्दी दुनिया की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषाओं में से एक है, पर इस भाषा में दुनिया भर में बहुत दिलचस्पी नहीं है. मेरे जैसे उन लोगों के लिए यह निराशा की बात तो है जिन्हें हिन्दी में दिलचस्पी है, लेकिन बड़ी आश्चर्य की बात नहीं है. हिन्दी की तुलना में लोग अधिकतर यूरोपीय भाषाओं से अधिक परिचित होते हैं.

हालांकि, लोग दुनियाभर में भारतीय संस्कृति से परिचित हैं. योग, बॉलीवुड, हिन्दुस्तानी खाना, और हिन्दू धर्म भी बहुत लोकप्रिय है. लेकिन इन सब वस्तुओं के प्रति दिलचस्पी होने के बावजूद, जनता की हिन्दी के प्रति दिलचस्पी नहीं बढ़ी है. संस्कृति में दिलचस्पी भाषा में दिलचस्पी अब तक प्रोत्साहित नहीं कर पाई है.

अमेरिका में जनता हिन्दी के बारे में अनजान है. लोग अक्सर मुझसे पूछते हैं कि क्या आपकी बीवी ‘हिन्दू’ बोलती है.

मेरे अनुभव में जिन लोगों की हिन्दी में दिलचस्पी होती है, उनकी दिलचस्पी बहुत अगंभीर होती है. दरअसल ऐसे लोगों की बॉलीवुड या योग आदि में दिलचस्पी है. वे ‘नमस्ते’ के अलावा कुछ नहीं सीखना चाहते.

लेकिन ऐसे लोगों की आलोचना करने की मंशा से मैं ये सब बातें नहीं लिख रहा हूं. मुझे बस थोड़ी निराशा हुई क्यूंकि मैंने हिंदी सिखाने का बहुत प्रयास किया है पर कम लोगों ने मेरे प्रयास पर ध्यान दिया है, जबकि दूसरी वेबसाइटें जिन्होंने इतना प्रयास नहीं किया है, उन्हें बहुत ध्यान मिला है. जब मैंने कारण सोचा, तो मुझे यह पता चला कि इसका कारन यह होगा कि मेरी वेबसाइट दूसरी वेबसाइटों की अपेक्षा अधिक गंभीर है, और अधिकतर लोगों की ऐसी गंभीरता में कोई रूचि नहीं है.

इस वेबसाइट पर सब लोगों का स्वागत है, उनकी हिंदी में दिलचस्पी चाहे कितनी भी क्यों न हो.

लेकिन काश कि और लोगों की हिंदी में गंभीर रूचि होती.

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“हिंगलिश”

मेरे जैसे हिंदी सिखने वालों को यह लगता होगा जैसे कि हिंदी एक नहीं बल्कि दो भाषाएं हो.

एक भाषा है जो किताबों में सिखाई और अख़बारों में लिखी जाती है, और दूसरी भाषा जो बोली जाती है.

उदाहरण के लिए, आम बोलचाल की भाषा में लोग अंग्रेज़ी शब्दों का बहुत इस्तेमाल करते हैं. कभी कभी लोग अंग्रेजी से मिली हुई हिंदी को “हिंगलिश” कहते हैं. लोग अंग्रेज़ी से ना मिली हुई हिन्दी को “शुद्ध” हिन्दी कहते हैं (“शुद्ध हिन्दी” ऐसी भी तरह की हिन्दी की ओर इशारा कर सकती है जिसकी शब्दावली ज़्यादातर संस्कृत से आए हुए शब्दों से बनी है).

जैसे, कोई शायद बोलेगा कि “मैने तुम्हारा फोन use किया था खाना order करने के लिए”.

कभी कभी लोग एक वाक्य में इतने अंग्रेज़ी शब्दों का इस्तेमाल करते हैं कि मुझे पता नहीं चलता कि वे हिन्दी या अंग्रेज़ी बोल रहे हैं.

बहुत सारे हिन्दी शब्द दूसरी भाषाओं से अपना लिए गए हैं, जैसे संस्कृत, फ़ारसी, और अरबिक.

अंग्रेज़ी से मिलने से पहेले भी हिन्दी की शब्दावली काफ़ी बड़ी थी.

मेरे खयाल से हमें हिंदी की शब्दावली की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए. ऐसा नहीं है कि हिंदी की शब्दावली में कोई कमी हो.

मैं जानता हूं कि सब भाषाएं बदलती रहती हैं और दूसरी भाषाओं से शब्द लेती हैं. मैं उम्मीद नहीं करता कि हिन्दी बोलने वाले “computer” और “television” जैसे नए शब्दों के लिए अपने शब्द बनाएं. इस तरह के शब्दों को अपनाना बिलकुल ठीक है. लेकिन, उदहारण के लिए, उपयोग के बारे में बात करने के लिए कम से कम तीन विकल्प हैं: उपयोग, प्रयोग, और इस्तेमाल. लेकिन मैं अक्सर लोगों को “use” बोलते हुए सुनता हूं.

हालांकि इतने सारे शब्द उपलब्ध हैं, लोग फिर भी अधिकतर अंग्रेज़ी शब्दों का इस्तेमाल करते हैं.

एक बार अपनी बीवी से बात करते हुए मैने बोला कि “मुझे हिन्दी बोलने का और अभ्यास करना चाहिए”. उसने हंसकर समझाया कि हालांकि यह वाक्य बिल्कुल ठीक है, पर लोग सामान्य रूप से “practice” बोलते हैं.

यह बड़ी निराशा की बात है. पता नहीं क्यों. शायद इस लिए है कि मुझे लगता है कि अगर मैं अंग्रेज़ी शब्दों का इस्तेमाल करता हूं, तो मैं दूसरी भाषा नहीं बोल रहा हूं. या फिर शायद इस लिए है कि मैं हिन्दी की शब्दावली का इस्तेमाल करना चाहता हूं, लेकिन लगभग लगता है कि इन सब शब्दों का इस्तेमाल करना मना है. मैं जिस प्रकार अपने विचारों को व्यक्त करना चाहता हूं, मैं उसी प्रकार उन्हें व्यक्त करना चाहूँगा. शायद यह इस लिए है कि पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव के कारण, हिंदी की शब्दावली उपेक्षा की जा रही है. या फिर इस लिए है कि अंग्रेजी शब्दों ने दुसरे शब्दों का स्थान लिया है.

मैं “descriptive grammar” में विश्वास करता हूँ यानि हमें यह समझने की कोशिश करनी चाहिए कि भाषा असलियत में कैसी है न कि भाषा कैसी होनी चाहिए. इसका मतलब यह नहीं है कि कुछ भी चलेगा. मुझे शायद इस तथ्य को स्वीकार करना चाहिए (या मुझे यह बोलना चाहिए कि मुझे इस fact को accept करना होगा).

कई तरीकों में यह बहुत अच्छी बात है.

अगर मुझे कोई शब्द नहीं आती तो मैं अंग्रेजी शब्द का इस्तेमाल कर सकता हूँ.

हिंदी बोलने वालों का दूसरी भाषाओँ के शब्दों को अपनाना यह दर्शाता है कि उनका रवैया व्यावहारिक है. भारतीय लोग आम तौर पर हिंदी सिखने वालों के प्रति बहुत दयालु हैं और उनको प्रोत्साहित करते हैं.

तो मैं क्या बोलूं? शायद हम एक समझौता कर सकते हैं: हम अंग्रेजी से मिली-जुली हिंदी का इस्तेमाल करते हैं पर हम हिंदी की बड़ी शब्दावली की उपेक्षा नहीं करते हैं.

English Translation

It must seem to Hindi learners like me as if Hindi is not one, but two languages.

There is one language that is taught in books and written in newspapers, and another language that is spoken.

For example, in colloquial language, people use a lot of English words. People call Hindi unmixed with English “pure Hindi” (“pure Hindi” can also refer to the kind of Hindi whose vocabulary consists primarily of words that have come from Sanskrit).

For instance, people might say “main tumhara phone use kiya tha khaana order karne ke liye”.

Sometimes, people use so many English words in one sentence that I don’t know whether they’re speaking Hindi or English!

Many Hindi words have been borrowed from other languages, such as Sanskrit, Persian, and Arabic.

Even before being mixed with English, Hindi had a rather large vocabulary.

In my opinion, we shouldn’t neglect the vocabulary of Hindi. It is not as if there is any deficiency in Hindi’s vocabulary.

I know that all languages keep changing and take words from other languages. I do not expect Hindi speakers to make words for new terms like “computer” or “television”. It’s certainly appropriate to adopt these kinds of words. To talk about usage, there are at least three options: उपयोग, प्रयोग, and इस्तेमाल. However, I often hear people saying “use”.

Although so many words are available, people nonetheless mostly use English words.

One time, while talking with my wife, I said “mujhe hindi bolne ka abhyaas karna chahiye”. She laughed and explained that, although this sentence is completely correct, people usually say “practice”.

This is very disappointing to me. I don’t know why. Perhaps it is because it seems to me that if I speak too many English words, then I am not speaking another language properly. Or maybe it is because I want to utilize Hindi’s excellent vocabulary, but it is almost as if using these words is forbidden. I want to express my thoughts however I choose to express my thoughts. Or perhaps it is because, due to the influence of western culture, Hindi’s vocabulary is being neglected. Or perhaps it is because English words have superseded words that come from other languages.

I believe in “descriptive grammar”, that is, that we should try to understand how language is in reality, not how it “ought” to be. But this doesn’t mean that anything goes! Perhaps I just have to accept this fact (or [same sentence, using English words])!

In many ways, this is a good thing.

If I don’t know some word, I can use an English word.

Hindi speaker’s adoption of words from other languages indicates that their attitude is practical. Indians generally are very kind to people learning Hindi and encourage them.

So what should I say? Maybe we can compromise: let’s use Hindi mixed with English, but let’s not neglect Hindi’s vocabulary.

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अमेरिका में हिंदी शिक्षा

हालांकि हिंदी दुनियां की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषाओं में से एक है पर फिर भी अमेरिका में बहुत ही कम स्कूलों में सिखाई जाती है.

वर्ष २००८ में Center for Applied Linguistics (CAL) के द्वारा किये गए शोध के अनुसार, उच्च माध्यमिक विद्यालयों (हाई स्कूलों) में सिखाई जाने वाली मुख्य भाषाएँ स्पेनिश, फ्रेंच, जर्मन, और लैटिन हैं. शोध में यह पाया गया कि ९३ प्रतिशत विद्यालयों में स्पेनिश, ४६ प्रतिशत में फ्रेंच, १४ प्रतिशत में जर्मन, और १३ प्रतिशत में लैटिन सिखाई जाती है. विद्यालयों में सिखाई जाने वाली अल्पसंख्यक भाषाओँ में चीनी, इतालियन, जापानीज, हिब्रू, नेटिव अमेरिकन, ग्रीक, अरबिक, और रुसी शामिल हैं. इतने कम विद्यालय हिंदी सिखाते हैं कि हिंदी शोध में ज़िक्र भी नहीं की गयी थी.

गूगल का इस्तेमाल करते हुए हिंदी सिखाने वाले विद्यालयों को खोजने पर मैंने पाया कि बहुत ही कम विद्यालय इस भाषा को सिखाते हैं. एक ऐसा विद्यालय Edison High School है, जिसने आस-पास क्षेत्रों की बड़ी भारतीय आबादी के कारण हिंदी भाषा को सिखाने का निश्चय किया.

जब मैं छात्र था, तो केवल दो विकल्प उपलब्ध थे, स्पेनिश और फ्रेंच.

हालांकि यह निराशा की बात तो है लेकिन आश्चर्य की बात नहीं कि इतने कम विद्यालय हिंदी सिखाते हैं. अंग्रेजी के अलावा अमेरिका में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा स्पेनिश है, और फ्रेंच भाषा ने अंग्रेजी भाषा पर बहुत प्रभाव डाला है, इस लिए आश्चर्य की बात नहीं है कि ये दो भाषाएं सबसे अधिक सिखाई जाने वाली भाषाएं हैं. अमेरिकन जनता यूरोपीय भाषाओं से जितना परिचित है हिंदी से उतना नहीं.

मुझे आशा है कि भविष्य में और भाषाएं सिखाई जाएं, जिन में हिंदी शामिल होगी.

English Translation

Although Hindi is one of the most widely spoken and understood languages in the world, it is nonetheless taught in very few schools in America.

According to a study conducted in 2008 by the Center for Applied Linguistics (CAL), the primary languages taught in high schools are Spanish, French, German, and Latin. The study found that Spanish is taught in 93% of schools, French in 46%, German in 14%, and Latin in 13%. Chinese, Italian, Japanese, Hebrew, Native American, Arabic, and Russian are among the minority languages taught in schools. So few schools teach Hindi that Hindi was not even mentioned in the report.

Upon searching using Google for schools that teach Hindi, I found that very few schools teach this language. One such school is Edison High School, which decided to teach Hindi because of the large Indian population in nearby areas.

When I was a student, only two options were available, namely Spanish and French.

Although it is disappointing that Hindi is taught in so few schools, it is not surprising. Besides English, the most widely spoken language in America is Spanish, and the French language has greatly influenced the English language, so it is not surprising that these two languages are the most widely taught languages. The American public is not as familiar with Hindi as they are with European languages.

I hope that more languages will be taught in the future, including Hindi.

Vocabulary

हालांकि X … पर Y – “although X … Y”
दुनियां – world
सबसे अधिक – most
बोलना – to speak
समझना – to understand
भाषा – language
फिर भी – nonetheless, regardless, even so, etc.
सिखाना – to teach
वर्ष – year
शोध – (research) study
के अनुसार – according to
मुख्य – main, primary
पाना – to get, obtain, find
प्रतिशत – percent
विद्यालय – school
अल्पसंख्यक – minority
शामिल – included (X में शामिल होना = to be included among X)
ज़िक्र – mention (X ज़िक्र करना = to mention X)
इस्तेमाल – usage (X का इस्तेमाल करना = to use X)
खोजना – to search
आस-पास – nearby
क्षेत्र – area (both spatial, e.g. the area near the school, and abstract, e.g., the area of education)
भारतीय – Indian (adjective)
आबादी – population
के कारण – because of
निश्चय – decision (X का निश्चय करना = to decide X)
छात्र – student
केवल – only
विकल्प – option, alternative
उपलब्ध – available
यानि – namely, that is, etc.
निराशा – disappointment
बात – matter, thing, saying (abstract word, like “thing”)
आश्चर्य – surprise
के अलावा – other than (i.e., in addition to)
प्रभाव – effect, impact, influence (X पर प्रभाव डालना = to have an effect on X)
परिचित – familiar (X से परिचित होना = to be familiar with X)
आशा – hope
भविष्य – future

Grammar

There are many participles in this blog post. For instance, “समझी जाने वाली” in the first sentence, and “किये गए” in the second sentence. Read the articles about participles, and then see if you can identify the participles in this post.

The passive voice was used in this article many times, for instance, “सिखाई जाती है” in the first sentence.